हम्पी के खंडहर

दक्षिण भारत में कर्नाटक राज्य के बेल्लारी जिले में स्थित हम्पी का क्षेत्र भारतीय इतिहास की जीवंत गवाही प्रस्तुत करता है। यह जगह प्राचीन काल के विजयनगर साम्राज्य का प्रमुख केंद्र थी, जो अपने समय में अपनी अद्वितीय स्थापत्य शिल्पकला और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए प्रसिद्ध थी। आज हम्पी के खंडहर इन सुनहरे दिनों की कहानी बयां करते हैं।

हम्पी के दर्शनीय स्थल उन उत्कृष्ट संरचनाओं के खंडहर हैं जो कभी विजयनगर साम्राज्य की धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों के केंद्र हुआ करते थे। इन खंडहरों में बहुत सारी मंदिरों की संरचनाएं मिलती हैं, जैसे कि विठ्ठल मंदिर, जो इसके विस्तृत स्तंभों और संगीत बजाने वाले खंभों के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर का स्थापत्य शिल्पकला अद्वितीय है और यहां की नक़्क़ाशी उत्कृष्ट कारीगरी का प्रमाण है।

एक और उल्लेखनीय स्थल है, विरुपाक्ष मंदिर, जो आज भी सक्रिय पूजा स्थल है। यह मंदिर प्राचीन काल की धार्मिक परंपराओं को जीवित रखे हुए है और इसके चूना पत्थर की नक़्क़ाशी को देखकर आगंतुक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। इसी तरह यहाँ हज़ारा राम मंदिर भी विशेष महत्व रखता है, जिसकी दीवारों पर रामायण के दृश्यों को उकेरा गया है, जो उस समय की कहानी कहता है।

हम्पी का पत्थरों से बना रथ और अन्य स्थापत्य भी दर्शनीय हैं। रथ, जो पत्थरों को जोड़कर बनाया गया है, अपने डिज़ाइन और निर्माण में अद्भुत है। हम्पी की जल प्रणालियाँ और बाजार भी उस समय की उन्नत शहरी योजना के प्रमाण हैं। यहां के सभागृह और स्नानागार उस काल के लोगों के समाजिक और सांस्कृतिक जीवन के अनुरूप हैं।

हम्पी के खंडहर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल हैं और यह स्थान पुरातात्विक अध्ययन और पर्यटकों की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह न केवल अतीत की महानता का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण की आवश्यकता पर भी जोर देते हैं। दक्षिण भारत का यह खूबसूरत स्थल आज भी इतिहास के प्रेमियों और सांस्कृतिक अनुसंधानकर्ताओं को आकर्षित करता है।